
रायपुर
छत्तीसगढ़ विकास आयुक्त कार्यालय ने हाल ही में मनरेगा विभाग में छटनी के निर्देश दिए हैं. इसे लेकर मनरेगा के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने आज डिप्टी सीएम विजय शर्मा के नाम पर ज्ञापन सौपा है. कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से विभाग में छटनी को रोकने और लंबित वेतन दिलवाने की मांग की है.
बता दें, हाल ही में छत्तीसगढ़ विकास आयुक्त कार्यालय ने पत्र जारी कर महात्मा गांधी मनरेगा के कुल स्वीकृत पदों में से खाली पद से अतिरिक्त संख्या में अगर कर्मचारियों की नियुक्ति कलेक्टर दर पर की गई हो, तो ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल समाप्त की जाए. किसी भी परिस्थिति में स्वीकृत पद की तुलना में अधिक कर्मचारियों को नियोजित न की जाए.
प्रदेश महामंत्री प्रवीण कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 800 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी छत्तीसगढ़ राज्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना विभाग में विगत 10 वर्षों से कार्यरत हैं. सभी श्रमिक दर पर कार्यरत हैं. लेकिन इस आदेश से हम सभी कर्मचारी इस आदेश से हतप्रभ हैं.
प्रवीण सिंह ने कहा कि मनरेगा विभाग के साथ-साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों एवं लोकसभा, विधानसभा, त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन से संबंधित समस्त कार्यों का संपादन दिन-रात किया जा रहा है. इनके बावजूद हमारी सेवाएं समाप्त की जा रही है, जों अनुचित है. प्रवीण ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों सें मनरेगा विभाग में संविदा पदों पर भर्ती नहीं हुई, जिनके कारण मनरेंगा कार्यों कों समय सीमा में पूरा करनें के लिए हम सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को जनपद व जिला में नियुक्त किया गया है.
आवास, महतारी वंदन व शासन के अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को समय पर पूरा करनें के लिए भी हमारी ड्युटी लगाया जाता है. परंतु इस प्रकार आदेश जारी कर हमें एकाएक कार्य से निकाला जा रहा है. जिसके कारण हम बेरोजगार हो जायेंगें. हमारे परिवार के भरण पोषण में विकट समस्या आ जाएगी.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष सीमांत प्रजापति ने बताया कि मनरेगा कर्मचारियों ने अतिरिक्त कार्यरत कलेक्टर दर कर्मचारियों के लिए जारी आदेश कों स्थगित कर उन्हें समायोजित कर यथावत कार्य में रखनें के लिए आदेश जारी करने की मांग की है.