छत्तीसगढ़राज्य

मनरेगा योजनांतर्गत “संगम अभियान”, युक्तधारा एवं जल शक्ति अभियान पर आधारित जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

एमसीबी
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री डी. राहुल वेंकट के मार्गदर्शन में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत "संगम अभियान", "युक्तधारा" और "जल शक्ति अभियान (कैच द रेन)" पर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया, जिसमें जिले के सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उपसंभागीय अधिकारी (RES), उप अभियंता तथा तकनीकी सहायकगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा योजनांतर्गत विभिन्न कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु विभागीय समन्वय, अभिसरण और तकनीकी दक्षता को मजबूत करना रहा। "संगम अभियान" के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर GIS तकनीक की सहायता से ग्राम-योजना एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया गया। यह अभियान महिला नेतृत्व में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (INRM) और आजीविका संवर्धन से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला में "युक्तधारा पोर्टल" के माध्यम से भविष्य में योजना निर्माण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को पूर्णतः GIS आधारित बनाए जाने की दिशा में तकनीकी सहायकों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही "जल शक्ति अभियान" के अंतर्गत जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और कृषि आधारित आजीविका विकास पर विशेष सत्र आयोजित किए गए।

           कार्यशाला में उपस्थित जिला अधिकारियों ने जल प्रबंधन, कृषि विकास और आजीविका संवर्धन के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि विभिन्न विभागों के समन्वय से कैसे एक स्थायी और समृद्ध ग्रामीण विकास मॉडल तैयार किया जा सकता है। युक्तधारा पोर्टल की कार्यप्रणाली और इसके उपयोग की प्रस्तुति ने प्रतिभागियों को योजनाओं की वैज्ञानिक, पारदर्शी और सटीक प्लानिंग की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी दी। अंत में सभी अधिकारियों एवं प्रतिभागियों को संगम अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर प्रस्तावित कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया गया, जिससे DPR निर्माण की प्रक्रिया अधिक सरल, सटीक और राज्य सरकार की मंशा अनुरूप हो सके। कार्यशाला के सफल आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि जिले में मनरेगा योजनांतर्गत आगामी विकास कार्यों में समावेशी दृष्टिकोण और तकनीकी समन्वय से ग्रामीण क्षेत्र को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

     इस बैठक में रितेश, अनिल कुमार मिश्रा, अजय सिंह राठौर, वैशाली सिंह, एस.एस. कुंवर, के.के चौधरी, अरविंद निकुंज, एन.सी.सिंह, डॉ. एम.बी.सिंह, ए.के.वखारे, एच.एन.वर्मा, प्रिया मिश्रा, उर्मिला, रामनरेश, शैलेंद्र करन, रोशन कुजुर, शशांक पाल, विकेश कुमार, अर्जुन सिंह मार्को, धर्मेंद्र कुर्रे, अंशुल कुमार जायसवाल, शुभम, कमल किशोर जायसवाल, रामनिक कुमार गुप्ता, राज नारायण सिंह, के.पी.सिंह, विवेक आनंद विश्वकर्मा, सुरेश वर्मा, संतोष राठौर, राकेश विश्वकर्मा, दीपक सिंह, अनुप कुमार, शशिकांत कुमार, अपर्णा राय, अशोक, सी.बी.पांडेय, सुमेर सिंह, नरेंद्र कंवर, प्रतिक कुमार, पंकज पटेल, प्रदीप, प्रदीप सिंह, मुकुल आनंद,  उषा पासी, इंदु देवी, देव कुंवर, जानकी, सुनीता, शिवशांति के साथ अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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