MP News- मंत्रालय में हुई स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा : एयर एम्बुलेंस सुविधा का होगा विस्तार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव…

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से नागरिकों की स्वास्थ्य समस्याओं का निराकरण किया जाए। कैंसर जैसे रोगों से ग्रस्त नागरिकों को आवश्यक उपचार सुविधाएं प्राथमिकता से दिलवाई जाएं। प्रदेश में अंगदान को प्रोत्साहित किया जाए। पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा रहे हैं जो प्रदेश के नागरिकों को बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार द्वारा अस्पतालों से घर तक पार्थिक देह ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। यह व्यवस्था जिलों से प्रारंभ होगी जिसका बाद में विकास खण्ड और तहसील स्तर तक विस्तार होगा। प्रदेश में एयर एम्बुलेंस सेवा को अधिक प्रभावी बनाते हुए गंभीर रोगियों के साथ ही दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल नागरिकों को भी सेवाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री संदीप यादव तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
जिला स्तर पर उपलब्ध होंगे शव वाहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने अस्पताल से पोस्ट मॉर्टम एवं मत्यु के अन्य मामलों में पार्थिव देह घर तक ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था प्रारंभ में जिला स्तर पर रहेगी। बाद में इस व्यवस्था को विकास खण्ड और तहसील तक विस्तार किया जाएगा।
एयर एम्बुलेंस सेवा बनाएंगे प्रभावी
मुख्यमत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है जहां मरीजों के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा का विस्तार इस तरह किया जाएगा कि किसी भी दुर्घटना स्थल पर भी एयर एम्बुलेंस को पहुंचाया जा सके। दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को चिकित्सक और कलेक्टर द्वारा निर्णय लेकर चिकित्सा संस्थानों तक भेजने की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में एयर एम्बुलेंस सेवा में एक हेलीकाप्टर और एक एरोप्लेन उपलब्ध है। गरीब से गरीब नागरिक को इस सुविधा का लाभ देने का प्रयास है। भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत राज्य के विभिन्न जोन निर्धारित कर इस सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
पीपीपी मोड पर नए मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में पीपीपी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा रहे हैं। गत वर्ष नीमच, मंदसौर और सिवनी में कॉलेज प्रारंभ किए गए। इस तरह के अन्य मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ होंगे। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया चल रही है। गंभीर रोगों की आसानी से जांच और उपचार हो इसके लिए यह व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रदेश में नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है।
अंगदान और देहदान को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में अंगदान की घोषणा करने वालों और देहदान का संकल्प लेने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। अंगदान से एक से अधिक रोगियों को लाभ मिलता है। देहदान से चिकित्सा विद्यार्थियों के लिये शल्य क्रिया की दृष्टि से पार्थिव देह की उपलब्धता संभव होती है। अंगदान और देहदान का संकल्प लेने वाले नागरिकों एवं उनके परिजन को महत्वपूर्ण अवसरों पर सम्मानित किया जाए।
सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं लेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि विभिन्न सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में नागरिकों के उपचार में प्राप्त की जाएं। नए मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के पदों को भरने की प्रक्रिया भी संचालित है।
अनेक स्वास्थ्य योजनाओं की हुई समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में स्वास्थ्य संस्थाओं में मानव संसाधन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था, मातृ शिशु संजीवनी कार्यक्रम, अनमोल 2.0 के माध्यम से माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की शत प्रतिशत ट्रेकिंग और मानीटरिंग और आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन, स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 के क्रियान्वयन, अस्पतालों के निरीक्षण, स्वास्थ्य संस्थाओं के भवनों के निर्माण, नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ कुपोषण समाप्ति के लिए संयुक्त प्रयास, स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार और आम जन को बेस्ट प्रैक्टिसेस से अवगत करवाने, टीकाकरण पल्स पोलियो अभियान, डे-केयर सेंटर के संचालन, मोबाइल मेडिकल यूनिट और नर्सिंग महाविद्यालयों के निर्माण से संबंधित चर्चा एवं समीक्षा की।