राज्य

हाई कोर्ट ने बैंक केंद्र और आरबीआई से मांगा जवाब

नई दिल्ली । एक दंपती घर के लोन की आखिरी ईएमआई देकर सोच रहा था कि बस अब उसके सिर से कर्ज उतर गया। लेकिन, पति-पत्नी के पैरों तले जमीन तब खिसक गई जब बैंक प्री-क्लोजर स्टेटमेंट में लाखों का कर्ज बकाया होने का दस्तावेज उनके सामने ले आया। इसे कारोबार का अनुचित तरीका बताते हुए दंपती ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया, जिस पर संबंधित बैंक और उसके एमडी के साथ केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से भी जवाब मांगा गया है। जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच ने माया देवी और उनके पति की याचिका पर प्रतिवादी बैंक पीरामल फाइनेंस और उसके सीएमडी को नोटिस जारी किया। केंद्र और आरबीआई से भी जवाब मांगा गया। मामले में अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि याची दंपती ने पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस और इसके चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ आदेश पारित करने की मांग की। शिकायतकर्ता की परेशानी यह है कि उन्होंने इस बाबत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को एक शिकायत दी थी, जिसे नैशनल हाउसिंग बैंक को भिजवाया गया, पर किसी ने अभी तक मामले में विचार नहीं किया है।

Related Articles

Back to top button