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लोकसभा में बोले पीएम मोदी- महाकुंभ भारत के विराट स्वरुप का प्रतीक

नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में महाकुंभ को लेकर अपना संबोधन दिया। सबसे पहले पीएम मोदी ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए देशवासियों का आभार जताया। उसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं सरकार, समाज और सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि देशभर के श्रद्धालुओं, यूपी की जनता, विशेष तौर पर प्रयागराज की जनता का आभार जताता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि, गंगाजी को धरती पर लाने के लिए एक भगीरथ प्रयास लगा था। वैसा ही महाप्रयास इस महाकुंभ के भव्य आयोजन में भी देखने को मिला। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से सबका प्रयास पर जोर दिया था। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। सबके प्रयास का यही साक्षात स्वरूप है।

पीएम मोदी ने कहा कि ये जनता का, जनता के संकल्प के लिए, जनता से प्रेरित महाकुंभ था। उन्होंने कहा कि, महाकुंभ में हमने हमारी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए हैं। ये राष्ट्रीय चेतना, जो राष्ट्र को नए संकल्पों की ओर ले जाती है। ये नए संकल्पों की की सिद्धि के लिए प्रेरित करती है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि महाकुंभ ने उन संकाओं आशंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हम सब ने ये महसूस किया था कि कैसे देश अगले एक हजार वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। इसके ठीक एक साल बाद महाकुंभ के इस आयोजन ने हम सभी के इस विचार को और मजबूत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की ये सामूहिक चेतना देश का सामर्थ्य बताती है।

उन्होंने कहा कि, किसी भी राष्ट्र के जीवन में मानव जीवन में भी अनेक मोड़ आते हैं जो सदियों के लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। हमारे देश के इतिहास में भी ऐसे पल आए हैं जिन्होंने देश को नई दिशा दी देश को जोड़कर जागृत किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि भक्ति आंदोलन के समय देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में एक सदी पहले जो बात कही थी वो भारत की आध्यात्मिक चेतना का जयघोष था। पीएम मोदी ने कहा कि उसने भारतीयों के आत्म सम्मान को जगा दिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी आजादी के आंदोलन में भी अनेक ऐसे पड़ाव आए हैं। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम हो, वीर भगतसिंह की शहादत का समय हो, नेता सुभाष बाबू का दिल्ली चलो जयघोष हो, गांधी जी का दांडी मार्च हो ऐसे ही पड़ावों से प्रेरणा पाकर भारत ने आजादी हासिल की।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं प्रयागराज महाकुंभ को भी ऐसे ही एक अहम पड़ाव के रूप में देखता हूं, जिसमें जागरुक होते देश का प्रतिबिंब नजर आता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने करीब डेढ़ महीने तक महाकुंभ का उत्साह देखा, उमंग का अनुभव किया कि कैसे सुविधा-असुविधा की चिंता से ऊपर उठते हुए करोड़ों श्रद्धालु श्रद्धाभाव से जुटे ये हमारी बहुत बड़ी ताकत है। लेकिन ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं पिछले हफ्ते मॉरीशस गया था। जहां मैं महाकुंभ का पवित्र जल लेकर गया था। पीएम मोदी ने कहा कि जब उस पवित्र जल को मॉरीशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया तो वहां श्रद्धा और आस्था का उत्सव का माहौल था वो देखते ही बनता था।

ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों को आत्मसात करने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी मॉडर्न युवा पीढ़ी कितने श्रद्धाभाव से महाकुंभ से जुड़े रही। आज भारत का युवा अपनी परंपरा, अपनी आस्था, अपनी श्रद्धा को गर्व के साथ अपना रहा है।

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