छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ जनसंपर्क

CG NEWS: माओवादी छाया से उबरा ईरकभट्टी गांव, ‘नियद नेल्लानार’ योजना से शिक्षा बना बदलाव का आधार….

रायपुर: नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ की सुरम्य वादियों में बसा एक छोटा-सा गांव  ईरकभट्टी, जो कभी माओवादी गतिविधियों की छाया में अपनी रौनक खो चुका था, अब एक बार फिर से मुस्कुराने लगा है। जंगलों की छांव में रहने वाले यहां के वनवासी लंबे समय से अपने मूल अधिकारों और सुविधाओं से वंचित थे, लेकिन अब बदलाव की बयार बहने लगी है। इस बदलाव की शुरुआत हुई है शिक्षा से।

बीते वर्षों में माओवादी हिंसा के कारण ईरकभट्टी जैसे कई गांवों की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा थम सी गई थी। गांव के बच्चे स्कूल जाना भूल चुके थे, मांदर की थाप शांत हो गई थी और गांव की गलियों में वीरानी छा गई थी। स्कूलों के बंद होने से आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर अंधेरा मंडराने लगा था। लेकिन अब इस अंधेरे को उजाले में बदलने का काम किया है छत्तीसगढ़ सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना ने, जिसका अर्थ है, आपका अच्छा गांव।

नियद नेल्लानार योजना बनी बदलाव की धुरी, युक्तियुक्तकरण से शिक्षा को मिला नया आधार

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई इस अभिनव योजना ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास का नया अध्याय लिखा है। सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में शत-प्रतिशत सरकारी योजनाओं को पहुँचाने का लक्ष्य लेकर शुरू हुई यह योजना अब गेम चेंजर साबित हो रही है।

ईरकभट्टी गांव इसका जीवंत उदाहरण है। यहां प्राथमिक शाला वर्षों से बंद थी, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण नीति के तहत न केवल स्कूल को फिर से शुरू किया गया है, बल्कि दो योग्य शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है। इससे गांव के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की राह फिर से मिली है।
केवल शिक्षा ही नहीं, अब गांव में सड़क भी बन चुकी है, बिजली पहुंच चुकी है और शासन की कई योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। ग्रामीणों को यह यकीन हो चला है कि अब उनका भविष्य उज्जवल है। एक ओर जहाँ माओवाद का डर घट रहा है, वहीं दूसरी ओर विकास की किरणें गांव-गांव तक पहुँच रही हैं।

नियद नेल्लानार योजना बनी बदलाव की धुरी, युक्तियुक्तकरण से शिक्षा को मिला नया आधार

ईरकभट्टी की कहानी, सैकड़ों गांवों की उम्मीद

ईरकभट्टी केवल एक गांव नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गांवों की आशा बन गया है, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे। नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को न केवल मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि सशस्त्र संघर्ष का जवाब संवेदनशील शासन और समग्र विकास से दिया जा सकता है। अब ईरकभट्टी के बच्चे फिर से पाठशाला में हँसते हैं, मांदर की थाप फिर से गूंजने लगी है और गांव की पगडंडियों पर उम्मीदें दौड़ने लगी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button