छत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़ सरकार का तोहफ़ा बुजुर्गों के लिए, 80+ आयु वालों को अतिरिक्त पेंशन

 रायपुर

 छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को अतिरिक्त पेंशन देने का निर्णय लिया है। इसके तहत पेंशनर की उम्र के अनुसार मूल पेंशन पर अतिरिक्त राशि निर्धारित की गई है।

वित्त विभाग द्वारा 14 अगस्त को जारी किया गया यह निर्देश

    80 से 85 वर्ष तक की आयु वालों को मूल पेंशन का 20 प्रतिशत
    85 से 90 वर्ष तक की आयु वालों को मूल पेंशन का 30 प्रतिशत
    90 से 95 वर्ष तक की आयु वालों को मूल पेंशन का 40 प्रतिशत
    95 से 100 वर्ष तक की आयु वालों को मूल पेंशन का 50 प्रतिशत
    100 वर्ष या उससे अधिक आयु पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन

यह अतिरिक्त पेंशन उस कैलेंडर माह के पहले दिन से देय होगी, जिसमें पात्रता पूरी होती है। उदाहरणस्वरूप, 15 जनवरी 1943 को जन्मे व्यक्ति को एक जनवरी 2023 से 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन मिलेगी। वित्त विभाग ने सभी पेंशन संवितरण अधिकारियों और बैंकों को निर्देशित किया है कि इस योजना का पालन सुनिश्चित करें और संबंधित पेंशनभोगियों को इसका लाभ पहुंचाएं। यह निर्णय बुजुर्ग पेंशनरों के लिए राज्य सरकार की संवेदनशील पहल मानी जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास परिसर से एसबीआइ साइबर सतर्कता रथ (आडियो-वीडियो वैन) को झंडी दिखाकर रवाना किया और राज्य स्तरीय साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री साय ने लोगों से अपील की कि वे अपने बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी किसी से साझा न करें और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।

उन्होंने कहा कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। ज़रा सी लापरवाही मेहनत की कमाई पर भारी पड़ सकती है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों और साइबर अपराध से स्वयं को सुरक्षित रखें। तकनीक ने मानव जीवन को आसान और सहज बनाया है। डिजिटल लेन-देन तेज और सुविधाजनक हुए हैं, लेकिन इसके साथ साइबर ठगी जैसी चुनौतियां भी बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सतर्कता और सावधानी से लोग साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह जागरूकता अभियान लोगों में साइबर सुरक्षा की समझ बढ़ाने का एक प्रभावी प्रयास है। इसके तहत आडियो-वीडियो संदेश, नुक्कड़ नाटक और कठपुतली नाटक के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी।

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