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सभी जिले में बनेगा मॉडल स्कूल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा होगी सुनिश्चित: शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव….

रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की  समीक्षा बैठक आज मंत्रालय, महानदी भवन में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा के साथ आगामी वर्षों की ठोस कार्ययोजना तैयार करने पर विशेष बल दिया गया।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक लोक शिक्षण श्री ऋतुराज रघुवंशी, एवं  प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री संजीव झा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

नए शिक्षा सत्र से स्कूल खुलते ही छात्रों को पाठ्यपुस्तक, गणवेश और सायकल वितरण सुनिश्चित करें

बैठक में मंत्री श्री यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी जिलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे। मॉडल स्कूल स्थापित करने योग्य स्कूलों की जानकारी 10 दिन में संचालनालय को प्रस्तुत की जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा डीएवी, इग्नाइट और पीएम श्री विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।

नए शिक्षा सत्र से स्कूल खुलते ही छात्रों को पाठ्यपुस्तक, गणवेश और सायकल वितरण सुनिश्चित करें

उन्होंने भवन विहीन और भवन की आवश्यकता वाले स्कूलों की संख्यात्मक जानकारी ली और अधिकारियों से कहा कि जहां भवन बनाना आवश्यक हो वहां प्राथमिकता से इस कार्य को करें। उन्होंने कहा कि डिस्मेन्टल योग्य भवनों की स्थिति का शीघ्र समाधान किया जाए। उन्होंने लघु मरम्मत और शौचालय मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

नए शिक्षा सत्र से स्कूल खुलते ही छात्रों को पाठ्यपुस्तक, गणवेश और सायकल वितरण सुनिश्चित करें

मंत्री श्री यादव ने  कहा कि नए शिक्षा सत्र शुरू होते ही निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश और सायकल का वितरण स्कूल खुलते ही विद्यार्थियों तक पहुँच जाना चाहिए। इसके लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएँ समय रहते पूरी कर ली जाएँ।

नए शिक्षा सत्र से स्कूल खुलते ही छात्रों को पाठ्यपुस्तक, गणवेश और सायकल वितरण सुनिश्चित करें

मंत्री श्री यादव ने प्रशासनिक कार्यों में उदासीनता के कारण  मनेंद्रगढ़- चिरमिरी – भरतपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर पी  मिरे को शो कॉस  नोटिस देने के निर्देश वरिष्ठ  अधिकारियों को दिए।

मंत्री श्री यादव ने मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि 5वीं, 8वीं, 10वीं, 12वीं के बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए प्रारंभ से ही विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के प्रतिभा में कोई कमी नही है। उन्होंने विभाग के अंतर्गत न्यायालयीन प्रकरणों की अद्यतन जानकारी लेकर प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्रीय छात्रवृत्ति योजना, विद्यार्थियों के बैंक खाते खोलने तथा उनके जाति प्रमाण पत्र आदि के संबंध में विशेष चर्चा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

पेंशन और वेतन निर्धारण के मामलों पर मंत्री श्री यादव ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका और पास बुक नवंबर माह तक अपडेट कर ली जाए। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर हितलाभ भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में छात्रवृत्ति योजनाओं, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता कार्यक्रम, रजत जयंती कार्यक्रम एवं सेजेस भर्ती की स्थिति की समीक्षा की गई। श्री यादव ने कहा कि इन सभी योजनाओं की सतत मॉनिटरिंग हो और पात्र विद्यार्थियों तक सभी लाभ समय पर पहुँचें। लंबे समय से एक ही जगह में   डी ई ओ / बी ई ओ  कार्यालय में पदस्थ  क्लेरिकल स्टाफ की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि उनकी पदस्थापना और शाखा बदली जाए। उक्त कर्मचारियों के कार्य का पुनः विभाजन करें।

पी.एम. ई-विद्या चौनल और दीक्षा पोर्टल के प्रचार-प्रसार को गति देने पर बल देते हुए श्री यादव ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को व्यापक स्तर पर लागू किया जाए, ताकि विद्यार्थियों को आधुनिक संसाधनों का लाभ मिल सके। नवीन डाइट सूरजपुर एवं गरियाबंद में पदस्थापना की कार्यवाही और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और अधिक सुदृढ़ हो।

बैठक में लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के वरिष्ठ अधिकारी, सभी संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में श्री यादव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन गंभीरता एवं उत्तरदायित्व के साथ करें तथा योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित करें, ताकि राज्य का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।

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