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सब्जी की खेती ने दानवती को बनाया लखपति दीदी…..

रायपुर: गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा विकासखंड के देवरीखुर्द गांव की दानवती आर्माे लौकी, तोरई, मिर्च जैसी सब्जियों की खेती से आज लखपति दीदी बन गई हैं। आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायी उदाहरण हैं। कभी वे केवल 90 डिसमिल जमीन पर खेती करने वाली दानवती आज सात एकड़ भूमि में सब्जियों की आधुनिक तकनीक से खेती कर रही हैं, और गांव की कई महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं।

दानवती तुलसी महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने पारंपरिक खेती को आधुनिकता से जोड़ा है, तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली से पानी की बचत कर और मल्चिंग तकनीक से खरपतवार नियंत्रण के साथ सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि की है। लौकी और तोरई की खेती के साथ बकरी व मछली पालन से वे नई आय के स्रोत भी विकसित कर चुकी हैं।

बिहान योजना से जुड़ने के बाद दानवती को सब्जी की खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, ऋण प्रबंधन, विपणन और कृषि योजना बनाने जैसी महत्वपूर्ण मदद मिलीं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वे परिवार की जिम्मेदारी से आगे बढ़कर महिलाओं को संगठित कर आत्मनिर्भर बनाने की राह पर अग्रसर हो गईं।

उनके साथ कार्यरत महिलाएं बताती हैं, – “दानवती दीदी से जुड़कर हमने न केवल काम करना सीखा बल्कि जीने का नजरिया भी बदला। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं।” महिलाओं ने प्रदेश की महतारी वंदन योजना और बिहान योजना को अपने लिए आर्थिक मजबूती का आधार बताया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भी इस सफलता की सराहना करते हुए कहा – “अब गांव की महिलाएं भी लखपति दीदी बन रही हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना है। महिलाओं को अपने पैरों में खड़ा करने के लिए सरकार की योजनाएं किसी वरदान से कम नहीं हैं।”

दानवती आर्माे का यह सफर यह संदेश देता है कि आगे बढ़ने के लिए संसाधनों की कमी कभी बाधा नहीं होती। सच्चे प्रयास व मेहनत से साधारण महिला से सफल उद्यमी और रोजगार प्रदाता तक की उनकी यात्रा प्रदेश की हर उस महिला के लिए प्रेरणादायक है, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रही है।

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