छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ जनसंपर्क

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना से मिली मदद, जशपुर के किसान सुनील भगत ने टमाटर की खेती से कमाया शुद्ध लाभ…..

रायपुर: किसानोंऔर कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत, फल, सब्जी, फूल, मसाले, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का लाभ लेकर जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत टेम्पू के किसान श्री सुनील भगत ने टमाटर की खेती की। किसान सुनील भगत ने कुल लागत राशि काटकर शुद्ध लाभ अर्जित किया है।

टमाटर की खेती मालामाल हो रहे हैं किसान

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही किसानों को  केन्द्र और राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए कहा है ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सके इसी कड़ी में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का लाभ लेकर किसान श्री सुनील भगत द्वारा टमाटर की खेती की गई।

उद्यानिकी विभाग से परामर्श बाद टमाटर का जीके देशी किस्म लगाया, जिसमें प्रति एकड़ 9 टन उत्पादन हुआ। उन्होंने बताया कि सीजन अनुसार सब्जी की खेती करते हैं। इस सीजन में लगभग 85 हजार 500 रूपए का  टमाटर ब्रिकी किया। कुल लागत राशि राशि काटकर किसान भगत को 55 हजार 500  रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है। किसान द्वारा अन्य योजनाओं का लाभ लेकर खेती किया जा रहा है। अब वे ड्रीप, मिल्चिंग को लेकर खेती की उन्नत विधि से जुड़ने की ओर अग्रसर है।

टमाटर की खेती मालामाल हो रहे हैं किसान

अन्य किसानों पर कृषक की सफलता का प्रभाव

खेती की प्रक्रिया को आधुनिक बनाकर, राष्ट्रीय बागवानी मिशन का मुख्य लक्ष्य  उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक, प्राकृतिक उर्वरकों, पर्यावरण-अनुकूल कीटनाशकों और अन्य उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है जो किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने में सक्षम बनाते हैं। किसान समूहों द्वारा किए जाने वाले प्राथमिक कार्यों में कृषि उत्पादों की खरीद, बाज़ारों से संपर्क स्थापित करना, इनपुट की आपूर्ति और प्रशिक्षण एवं जानकारी प्रदान करना शामिल है। ग्राम पंचायत टेम्पू एवं आस-पास के ग्राम पंचायत के किसान  श्री सुनील भगत की खेती देख कर, उन्नत खेती करना शुरू कर दिया है। कृषि तकनीक हेतु विभागीय योजनाओं से निरंतर जुड़ रहे हैं,ताकि अधिक लाभ लें सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button