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मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना से 250 गांवों तक पहुंची बस सुविधा: बस्तर और सरगुजा संभाग में सफल क्रियान्वयन….

रायुपर: राज्य शासन द्वारा ग्रामीण अंचलों में लोगों को सस्ती और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना’ लागू की गई है। योजना का प्रथम चरण बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में शुरू किया गया है। अब तक 34 चयनित मार्गों में से 33 बसों का संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिससे कुल 250 नए गाँवों को पहली बार बस सुविधा मिली है।

परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ऐसे ग्रामों को जनपद मुख्यालय, तहसील, नगरीय क्षेत्र और जिला मुख्यालय से जोड़ना है, जहाँ पहले बस सुविधा नहीं थी। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा, रोजगार के अवसर और आपसी संपर्क में बढ़ोतरी मिली है, जिससे ग्राम विकास को नई दिशा मिल रही है।

परिवहन सचिव श्री एस. प्रकाश ने बताया कि राज्य शासन द्वारा बस संचालकों को प्रोत्साहन के रूप में प्रथम वर्ष में 26 रूपए, द्वितीय वर्ष में 24 रूपए तथा तृतीय वर्ष में 22 प्रति किलोमीटर की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही बस संचालकों को मासिक कर से 3 वर्ष तक की पूर्ण छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बस मार्गों का चयन जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। चयनित मार्गों पर निविदा प्रक्रिया के माध्यम से सबसे कम वित्तीय दर देने वाले आवेदक को बस संचालन की अनुमति दी जाती है, जिसके बाद परमिट जारी किया जाता है।

बस्तर और सरगुजा संभाग में सफल क्रियान्वयन

इस योजना के तहत सुकमा जिले में छह, नारायणपुर में 4, जगदलपुर में 1, कोंडागांव में 3, कांकेर में 5, दंतेवाड़ा में 1, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 2, सूरजपुर में 2, कोरिया में 3, जशपुर में 4 और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 2 बस का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, 9 नए मार्गों पर बस संचालन के लिए परमिट जारी करने की प्रक्रिया जारी है।

उल्लेखनीय है कि विगत 5 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर में इस योजना की शुरुआत करते हुए बसों को हरी झंडी दिखाई। पहले चरण में यह योजना आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभागों के गांवों को कवर करेगी और 34 बसों के जरिए 34 मार्गों पर सेवाएं शुरू की जाएंगी जो 11 जिलों के 250 गांवों को जोड़ेंगी।

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